Punjab News: जब सब कुछ अदालत ने ही तय करना है, तो कंप्यूटर अध्यापकों के लिए पंजाब सरकार जैसी कोई चीज़ नहीं बचती: एसोसिएशन

All Latest NewsNews FlashPunjab News

 

Punjab News: कंप्यूटर टीचर्स फैकल्टी एसोसिएशन ने पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग की बेरुखी पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। एसोसिएशन ने कहा है कि जब हर बार अपने अधिकारों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता है, तो ऐसे में कंप्यूटर अध्यापकों के लिए ‘पंजाब सरकार’ नाम की कोई व्यवस्था शेष नहीं रह जाती।

सरकारी स्कूलों में सेवा निभा रहे कंप्यूटर अध्यापकों की समस्याओं और विभागीय रवैये पर चर्चा के लिए एक विशेष ऑनलाइन मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें प्रदीप कुमार मलूका, लखविंदर सिंह (फिरोज़पुर), हरचरण सिंह (बठिंडा), जसपाल (फतेहगढ़ साहिब), जतिंदर सिंह सोढ़ी सहित कई सदस्य शामिल हुए।

मीटिंग में बताया गया कि डायरेक्टर जनरल स्कूल एजुकेशन द्वारा बार-बार दिए गए स्पष्ट आदेशों और लिखित पुष्टिकरण के बावजूद शिक्षा विभाग कंप्यूटर अध्यापकों के हकों की बहाली में विफल रहा है। इसके उलट, विभागीय अधिकारियों द्वारा उनकी सेवा पुस्तिकाओं में पूर्व से दर्ज छुट्टियों को भी काटने जैसी कार्यवाहियां की जा रही हैं, जो अदालत के आदेशों की सीधी अवहेलना है।

एसोसिएशन ने चेताया कि यदि विभाग अपनी तानाशाही नहीं रोकता, तो पंजाब के हजारों कंप्यूटर अध्यापक एकजुट होकर माननीय हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग और पंजाब सरकार की होगी।

नेताओं ने यह भी मांग की कि छठे वेतन आयोग के लाभ और सभी अधिकार बिना देरी के बहाल किए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार केवल अदालत के आदेशों पर ही काम करेगी, तो फिर ‘सरकार’ का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।

यदि सरकार समय रहते अधिकार बहाल नहीं करती, तो अध्यापक पुन: संघर्ष शुरू करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और विभाग पर होगी।


मामला अंतिम निर्णय के लिए सरकार को भेजा गया

कंप्यूटर अध्यापकों की सेवाएं पंजाब सिविल सर्विस रूल्स के तहत नियमित करने संबंधी नोटिफिकेशन और नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री स्तर पर स्वीकृत होने के बाद जारी हुए थे। उन्हें लागू न करना विभागीय लापरवाही है, जिसकी सज़ा कर्मचारियों को नहीं दी जा सकती।

माननीय हाईकोर्ट के हालिया आदेशों के अनुसार, जहां नियुक्ति पत्र की शर्तें अध्यापकों पर सिविल सर्विस नियमों को लागू करती हैं, वहीं लाभों से इनकार करना कानूनी रूप से अनुचित है।

मैं स्वयं इस पर अंतिम निर्णय लेने में सक्षम नहीं हूं, यह निर्णय सरकार या सक्षम अधिकारी द्वारा ही लिया जाएगा।
— गिरीश दयालन, आईएएस, डीजीएसई-कम-मेंबर सेक्रेटरी, पंजाब आईसीटी एजुकेशन सोसायटी


कंप्यूटर अध्यापक वास्तव में पंजाब सरकार के कर्मचारी हैं, सोसायटी एक मुखौटा मात्र है

माननीय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्पष्ट निर्णय दिया है कि पंजाब आईसीटी सोसायटी (PICTS) में कार्यरत कंप्यूटर अध्यापकों की नियुक्ति पंजाब सरकार द्वारा की गई थी और वे सरकारी कर्मचारी हैं।

उनके नियुक्ति पत्रों में पंजाब सिविल सर्विस रूल्स को स्पष्ट रूप से लागू किया गया है। ऐसे में पंजाब आईसीटी सोसायटी रूल्स 2024 का कोई कानूनी आधार नहीं बचता।

Media PBN Staff

Media PBN Staff

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *